Frequent Urination in Hindi

 

बार-बार पेशाब आना (बहुमूत्रता) – Frequent Urination in Hindi



दिन की अपेक्षा रात में बार बार पेशाब आने की समस्या को बहुमूत्रता कहते है | हम जैसे-जैसे बड़ी उम्र में प्रवेश करते जाते है । उसी प्रकार शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेने लगती है। परंतु यदि हम समय के रहते हुए हम अपनी जीवन शैली में सुधार और कुछ बुरी आदतों को त्याग दें। तो कभी हद तक छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। 

सबसे बडा तो यहां पर सवाल उठता है। कि आज हर किसी को इन छोटी-छोटी समस्याओं के लिए वक्त ही नही है। और भी यहीं छोटी-छोटी परेशानी आगे चलकर एक बड़ा रुप धारण कर लेती है। और बडी बीमारियों की वजह बन जाती है। इन्हीं समस्याओं में एक गंभीर समस्या है बहु मूत्रता जो कि नाम से ही स्पस्ट हो रहा है।

अर्थात बार-बार पेशाब करने (Frequent Urination) की समस्या और यह अक्सर रात के समय में अधिक होती है। वैसे तो रात में हर कोई एक बार पेशाब करने के लिए उठता है । परंतु यदि कोई रात में तीन से पांच बार पेशाब करने के लिए जाता है। तो वह ऐसे में बहुमुत्रता का शिकार हो चुका होता है। 

बहुमुत्रता एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण मरीज को रात में पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है। इसे रात में मूत्र आवृत्ति (बार-बार पेशाब आना)  के रूप में जाना जा सकता है।  रात में अधिक बार पेशाब करना। यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है। 

यह स्थिति अलग-अलग कारणों से हो सकती है। ज्यादातर लोगों के लिए रात में एक बार पेशाब करने के लिए उठना आम बात हो सकती है, लेकिन अधिक बार पेशाब करना कुछ और होने का संकेत हो सकता है। पॉलीयूरिया (बहुत अधिक मात्रा में पेशाब करना) से नोक्टुरिया (बहुत बार पेशाब करना) को अलग करना महत्वपूर्ण है।

बहु मुत्रता की समस्या के कारण शरीर में भारी मात्रा में कमी हो जाती है। जिसके कारण शरीर को अन्य सारी गंभीर बीमारियां भी घेर सकती है।

बार-बार पेशाब आना (बहुमूत्रता) क्या है ?

यह एक ऐसी बीमारी है । जिसके अंतर्गत मरीज बहुत अधिक मात्रा में पेशाब करता है और बार-बार करता है। ऐसी स्थिति में मरीज के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह समस्या सबसे ज्यादा अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। जो भी इस समस्या को शिकार हो जाता है। वह एक दिन में करीब 5 से 10 लीटर के बीच पेशाब कर सकता है।

(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी, लक्षण और कारण)

बहुमूत्रता से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है ?

यह समस्या अक्सर बुजुर्गों में देखने को मिलती है। क्योंकि उम्र से साथ इस समस्या का एक गहरा संबंध होता है। बहुमूत्रता के कारण मरीज के शरीर में शर्करा और एल्ब्युमिन  की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है। क्योंकि जब मरीज के शरीर के सभी पोषक तत्व पेशाब के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। तो शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो जाता है।

इसके साथ साथ मरीज का मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथी और किडनी में कई प्रकार के रोग उत्पन्न होने की अधिक संभावना हो जाती है। (और पढ़े – स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपाय)

बार-बार पेशाब आना (बहुमूत्रता) के कारण – Frequent Urination Causes in Hindi

बहु मूत्रता के रोग के लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार हो। जो बहु मूत्रता वृद्धि में विशेष रुप से भागीदार होते हैं। 

  • अधिक मात्रा में दूध का सेवन 
  • अधिक व्यायाम या फिर अतिरिक्त शारीरिक श्रम
  • ज्यादा मात्रा में चाय, कॉफी, शराब, पानी इत्यादि का सेवन
  • दिन में अधिक नींद लेना । 
  • मानसिक समस्या। 
  • अधिक तनाव (चिंता), गुस्सा (क्रोध) 
  • शरीर में कैल्शियम का स्तर अधिक होना। 
  • शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम होना। 
  • पीयूष गंथी के पीछे वाले हिस्से में मूत्र निरोधी हार्मोन की कमी होना। 
  • किडनी में सूजन या किसी प्रकार का संक्रमण होना। 
  • प्रोस्टेट ग्रंथी में वृद्धि होना। 
  • मधुमेह होना। 
  • टीबी होना। 
  • नाड़ी उत्तेजना में वृद्धि होना। 
  • अत्यधिक शारीरिक संबंध बनाना। 

बार-बार पेशाब आना (बहुमूत्रता) के लक्षण – Frequent Urination Symptoms in Hindi

बहुमूत्रता के कई सारे लक्षण है। जो बहु मूत्रता के पुष्टि कर  सकते हैं। 

  • बार-बार पेशाब आना यह इस समस्या का प्रमुख कारण है। 
  • रात में अधिक पेशाब लगना। 
  • दिन में पेशाब की मात्रा कम आना 
  • शरीर में अधिक थकाबट होना।
  • शरीर में कमजोरी और नींद न आना। 
  • मानसिक तनाव रहना । 
  • शरीर में अकड़न होना। 
  • बार-बार प्यास लगना। 
  • कब्ज की भी समस्या होना। 
  • शरीर के अंगों में फडकन होना। 
  • सिर दर्द और कमर में दर्द होना। 

इन्हीं लक्षणों के आधार पर हम बहु मूत्रता के जांच कर सकते है। यदि ऐसे किसी भी प्रकार के लक्षण आपका शरीर देता है। तो बिना किसी देरी के डॉक्टर को तुरंत दिखाकर समस्या का समाधान करना चाहिए। 

बार-बार पेशाब आना से बचाव के उपाय – Prevention of Frequent Urination in Hindi

बहु मूत्रता के इलाज के साथ-साथ कुछ जरुरी सावधानियां भी रखनी चाहिए। जिससे आपका शरीर इस बीमारी के संपर्क में आने से बच सके। 

यदि आप शरीर से अधिक श्रम या फिर व्यायाम जैसे कार्य लेते है। तो आपको शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। 

बहु मूत्रता के घरेलू इलाज के अंतर्गत आप दो चम्मच अदरक के रस के सेवन करें। ऐसे करने से रुकी और बंद पडी पेशाब आसानी के साथ मूत्र मार्ग से बाहर आ जाती है। बार-बार पेशाब आने की समस्या को दूर करने के लिए आप आंवले के ताजे रस में हल्दी का पाउडर मिलाकर पीए। और उसमें शहद भी मिला सकते है। ऐसा करने से बार-बार पेशाब आने की समस्या में राहत मिलेगी। 

पेशाब की समस्या के जल्द निवारण के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको कुछ विशेष आयुर्वेदिक औषधियों की सलाह भी देते है। जिससे आपको जो बार-बार पेशाब लगती है वह एक निश्चित समय से आयेगी और शरीर में पानी की भी कमी नही होगी और न ही आपको कमजोरी महसूस होगी।

(और पढ़े – जीवनशैली एवं इन कारकों से पुरुषों की फर्टिलिटी क्योंं घट रही है?)

टिप्पणियाँ