Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसिस का योगासन द्वारा ट्रीटमेंट- Endometriosis Treatment with yoga in Hindi



एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या जिसकी शिकायत बहुत सी महिलाएं करती हैं जिन्हें पीरियड्स के दौरान रोजमर्रा के काम करने में कितनी परेशानी होती है। इस बीमारी से होने वाले दर्द असहनीय होता है जो आपको अशक्त बना देता है।  

एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 176 करोड़ महिलाएं है जो एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से ग्रस्त हैं। यह समस्या 15 साल की किशोरियों से लेकर 49 साल की महिलाओं में बहुत आम हैं।  


असहनीय दर्द के अलावा यह प्रजनन क्षमता को भी कमजोर करता है। कुछ महिलाओं में इसकी सही वजह पता लगाना मुश्किल है। लेकिन कुछ शोध के मुताबिक योग करने से एंडोमेट्रिओसिस में होने वाले दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है। योग स्ट्रेस को मैनेज में करने में मदद करता है साथ ही दिमाग को शांत करने में भी सहयोग देता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की कैसे योगासन से एंडोमेट्रिओसिस (yoga for endometriosis in hindi) में होने वाले दर्द को कम कर सकते है।  


एंडोमेट्रियोसिस क्या है?- what is Endometriosis in Hindi


यह समस्या महिलाओं के गर्भाशय में आम होती है। एंडोमेट्रियोसिस एक विकार होता है जो महिला के प्रजनन प्रणाली पर असर डालता है। इस स्थिति में यूटरस की दीवार को लाइन करने वाले ऊतक यूटरस के बहार बढ़ते है और गांठ बनने लगते है।


कुछ मामलों में यह अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को भी प्रभावित करने लगते है। जिससे दर्दनाक स्थिति पैदा हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या सबसे ज्यादा अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, ऊतक जो बच्चेदानी को उसकी जगह पर रखती है, यूटरस के बहारी स्तर में और योनी जैसे अंगों में पाया जाता हैं।


एंडोमेट्रियोसिस के सामान्य लक्षणों और लक्षणों में शामिल हैं-


  • ब्लड सेल्स या एंडोमेट्रियल नसों का शरीर के अंदर अन्य भागों में फैलना।

  • एंडोमेट्रियल टिश्यू की परत टूटने से ब्लीडिंग होना।

  • इसके अलावा पीरियड्स के समय कुछ दवाई लेना भी इसका कारण बन सकती है।

  • बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना।

  • पीरियड्स से पहले और दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।

  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना।

  • थकान और मतली जैसा लगना।

  • शरीर में एनर्जी की कमी होना।

  • सेक्स करते समय दर्द होना।

  • पैशाब के समय दर्द होना।

  • मूत्र और गुदा से खून आना।

  • कब्ज की समस्या रहना।

  • इनफर्टिलिटी की समस्या होना।

  • जमे हुए खून के कारण श्रोणी में एंडोमीट्रियल सिस्ट बनना

  • सी-सेक्शन जैसी सर्जरी के बाद घाव में एंडोमेट्रियल नसों का जुड़ना।

  • दस्त या कब्जी की समस्या भी हो सकती है।

  • सूजन और असामान्य थाकन भी अनुभव कर सकती है।


आमतौर पर यह गांठे खुद ही समाप्त हो जाती है और पीरियड्स के दौरान बहार निकल जाती है। लेकिन कुछ मामलों में इसे सर्जरी के जरिए हटाने की जरुरत होती है।  


एंडोमेट्रियोसिस के लिए योग आसन- Yoga Asanas for Endometriosis in Hindi


एंडोमेट्रियोसिस के साथ जीना से आपके शरीरक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण को योग से ठीक करना काफी फायदेमंद साबित होता है। इससे आपके शरीर में एक अलग तरीके की उर्जा उत्पन होगी जो आपके मन को शांत कर तनाव और बेचेनी जैसी समस्या को दूर रखेगी। शोध बताते है कि एंडोमेट्रियोसिस में महिलाओं के पेल्विक दर्द को कम करने के लिए योगासन और सांस लेने की तकनीक काफी फायदेमंद साबित होती है।        


योग एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थिति को सुधारने में काफी मदद करता है। यह शरीर में सही ब्लड सर्कुलेशन और गर्भाशय की मजबूटी सुनिशचित करता है। इसलिए सरल योगासन से ही आपके स्वास्थ्य में परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। 


आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में त्रिक चक्र है जो प्रजनन प्रणाली, मानसिक रूप से रचनात्मकता, भावनात्मक रूप से खुशी और आध्यात्मिक रूप से उत्सुकता को नियंत्रित करता है। अगर त्रिक चक्र में किसी भी तरह की बाधा आती है तो ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst), एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis), यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण (Urinary Tract Infection), संभोग के समय दर्द होना (Pain during Sex), गौल ब्लैडर (Gallbladder) और किडनी में समस्या होना, बांझपन की समस्या और अन्य प्रजनन की समस्याएं हो सकती है।


अगर आप एंडोमेट्रियोसिस के होने वाले दर्द और रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इन योगासन को रोजाना करना चाहिए। यह त्रिक चक्र की रुकावट को दूर करने और आपकी फेमिनिन ऊर्जा से जुड़ने में भी मदद करता है। इनमें निम्नलिखित मे योग शामिल हैं-


  1. प्राणायाम (Pranayam): इस आसन को नियमित रुप से करना जरुरी है, जिससे शरीर के सभी हिस्सों मेे ऑक्सिजन की भरपूर मात्रा रहती है। दिर्घा सांस की तकनीक के साथ हम हृदय की गति (Heart Beat), रक्तचाप (Blood Pressure) और मांसपेशियों की जकड़न (Muscular Tightening) को प्रभावित कर दर्द को नियंत्रित करता हैं।

  2. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana): एंडोमेट्रियोसिस में योग से गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए पश्चिमोत्तानासन एक सबसे बेहतरीन योगासन है। इसके रोजाना करने से फर्टिलिटी को मजबूत बनाया जा सकता है। अगर आपको कंसीव करने में दिक्कत आ रही है, तो इस आसन का को रोज कर सकती हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक चटाई या मैट पर एकदम सीधी अवस्था में बैठ जाएं। अपने पैरों को आगे की तरफ फैला लें। इसके बाद हाथों को सीधा कर लें और हथेलियों से पैरों की उंगुलियों को पकड़ने की कोशिश करें। इस दौरान अपनी नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करें। इस आसन को करते समय आपके घुटने और दोनों बाजू एकदम सीधे होने चाहिए। इसको खाली पेट करने बहुत ही फायदेमंद होता है।

  3. कपालभाति (Kapalbhati): यह आसन आपके चयापचय को बढ़ाता है और आपके वजन को कम करने में मदद करता है। इससे आपके पेट की मासपेशियां सक्रिय होती है, साथ ही पाचन क्रिया को ठीक रखता है।

  4. तितली आसन (Titli Asana): इस समस्या में महिलाओं के लिए यह आसान काफी लाभदायक होता है। यह आसन प्रजनन अंगो के साथ-साथ पैरों और जंघों को मजबूत करता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ को भी अच्छा रखता है। इस आसन से गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा मिलता है। यह पेट की मसल्स, गर्भाशय और ओवरीज पर प्रभावी ढंग से काम करता है। 

  5. भुजंगासन (Bhujangasana): पीसीओडी में भुजंगासन काफी फायदेमंद साबित होता है। बारी बारी अभ्यास करके प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता है। पीरियड्स की अनियमिता को भी दूर करता है। 

  6. शशांक आसन (Shashankasana): शशांकसन के अभ्यास से पेल्विक की मसल्स को मजबूती मिलती है। साथ ही प्रजनन अंगों की गड़बड़ी को भी दूर करता है जिससे हर्मोनस भी संतुलित रहता है। 

  7. अंजेयासन (Anjaneyasana): एंडोमेट्रियोसिस के लिए योग आसन में अंजेयान सबसे फायदेमंद है। इस आसन को करते समय आपको दर्द हो सकता है लेकिन आपके पेलविक दर्द में राहत देता है। इस आसन से आपकी बॉडी लचीला होने के साथ मजबूत और टोंड भी होने लगती है। यह आपके जांग की मांसपेशियां (quadriceps), हैमस्ट्रिंग (Hamstring), हिप जॉइंट्स (Hip Joints) और ग्लूट्स (Glutes) में खिंचाव को कम करता है। 


इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, एंडोमेट्रियोसिस, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।


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