गुड़मार (जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे) के फायदे, उपयोग और नुकसान- Gudmar (Gymnema Sylvestre) ke Fayde, Upyog aur Nuksan
आयुर्वेद एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति है। इसका उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा को संतुलन में रखकर और बीमारी का इलाज कर जड़ से खत्म करता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और मसाले आपके शरीर को बीमारी से बचाने और बेहतर पाचन और मानसिक स्वास्थ्य सहित कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए माना जाता है।
ऐसी ही एक औषधि है गुड़मार जिसका आयुर्वेद में काफी महत्व है। इसके इस्तेमाल से कई बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। कई सालों से इसका इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है। आज इस आर्टिकल में हम गुड़मार के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारें में विस्तार से बात करेंगे।
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गुड़मार के औषधि गुण- Medical Properties of Gudmar
गुड़मार एक झाड़ी वाला पौधा है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। यह एक रोएंदार लता है जिस पर पीले भड़कीले फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसकी पत्तियां 5 से 7 सेंटीमीटर लंबी होती हैं। अगर इसके पत्तों को चबाया जाए तो मुंह का स्वाद थोड़ी देर के लिए खत्म हो जाता है, इसलिए इसे गुड़मार कहा जाता है।
सालों से इसका इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जा रहा है। इसका नाम गुड़मार इसके मिठास खत्म करने वाले गुण के चलते रखा गया है। ये औषधि डायबिटीज के मरीज के लिए काफी लाभकारी है।
गुड़मार के फायदे- Gudmar ke Fayde
गुड़मार में कई ऐसे प्रकार के तत्व मौजूद है जो स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक होते है। गुड़मार की मदद से कई स्वास्थय समस्याओ और उनके लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इन निम्नलिखित में गुड़मार के फायदे शामिल हैं-
गुड़मार के मिठास खत्म करने वाले गुण मौजूद है जो शुगर कंट्रोल करने में काफी गुणकारी है। गुड़मार में एंटी-डायबिटिक गुण या एंटी एथेरोस्लेरोटिक गुण होते हैं।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं जो कोलोस्ट्रोल लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं।
इसके सेवन से मीठे की क्रेविंग कम होगी। जिससे शरीर में मीठा खाने की तलब के साथ इसके दर को कम करता है।
गुड़मार में जिम्नेमिक नाम का एक एसिड होता है। ये हमारे शरीर में मौजूद प्रोटीन एंजियोटेंसिन की गतिविधि को रोकने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
गुड़मार का सेवन पीलिया के इलाज के लिए भी किया जाता है। कुछ क्षेत्र की जनजातियां गुड़मार की पत्तियों का सेवन पीलिया के इलाज के लिए करती हैं।
इस औषधि का इस्तेमाल अस्थमा, आंखों की समस्या, कब्ज, कोर्डियोपैथी, और हाइपरकोलेस्टेरोलिया की समस्या के लिए लाभदायक है।
गुड़मार का उपयोग- Gudmar ka Upyog
गुड़मार की पत्तयों का सेवन करने के बाद एक घंटे तक मिठास का स्वाद खत्म हो जाता है। इसके उपयोग की बात करें तो
इसकी पत्तियों का सेवन खाली पेट चबाकर कर सकते हैं। पत्तियों का सेवन करने के बाद एक गिलास पानी का सेवन कर सकते है। इसके सेवन से न केवल आपका शुगर लेवल कम होता है बल्कि शुगर लेवल को दिनभर में बढ़ने भी नहीं देता है। नियमित रुप से गुड़मार की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं लेकिन आप शुगर की दवाइ लेते है तो इसका सेवन कम ही करें।
पत्तों को चबाकर खा सकते है।
इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते है।
इसके चुर्ण का इस्तेमाल पानी के साथ मिलाकर लें सकते है।
गुड़मार के नुकसान- Gudmar ke Nuksan
गुड़मार के फायदे के साथ कई नुकसान भी हो सकते है। गुड़मार के ज्यादा सेवन सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से हैं-
शुगर यानी कि क्रेविंग कम करने में इसका सेवन बहुत फायदेमंद है। लेकिन आप डायबिटीज से जुड़ी दवा लेते है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब शरीर में ग्लूकोज की कमी आ जाती है तो बॉडी सही तरीके से फंक्शन नहीं करता है।
इसकी अधिक सेवन से जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द आदि जैसी समस्या हो सकती है।
जिन लोगों को प्लांट मिल्क से एलर्जी होती है उ्न्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
इसके अधिक सेवन से पेट में दर्द हो सकता है या पेट का फूल सकता है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर/डायरेक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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