अरंडी के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान- Castor Seeds ke Fayde, Upyog aur Nuksan
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और मसाले स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अखंड रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयुर्वेद एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर केंद्रित करती है।
आयुर्वेद की दृष्टिकोण जीवन शैली में परिवर्तन, आहार और व्यायाम को जोड़ता है। ऐसी ही एक औषधी है अरंडी जो आयुर्वेदिक गुणों के कारण सदियों से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद में इसके बीजों का उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर अरंडी का इस्तेमाल आँख संबंधी समस्या, पाइल्स, खाँसी, पेट दर्द जैसे समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है।
आज इस आर्टिकल में हम अरंडी के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में बात करेंगे।
अरंडी के बीज में औषधीय गुण- Castor Seeds ke Aushadhiya Gun
अरंडी का पेड़ खास प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्तों, टहनियों और बीजों में अनेक गुण पाए जाते हैं और हजारों सालों से आयुर्वेद में इनका इस्तेमाल अलग-अलग प्रकार की दवाएं बनाने के लिए किया जाता है।
अरंडी के बीजों से औषधीय तेल मिलता हैं, जिनका इस्तेमाल कई समस्याओं में घरेलू नुस्खे के रूप में किया जाता है। बाजार में अरंडी के बीज, तेल और इनसे बने कई उत्पाद आसानी से मिल जाते हैं।
अरंडी के बीज के फायदे- castor seeds Beej ke Fayde
इस हर्ब के इस्तेमाल से पेट की समस्या और महिला में होने वाले विकारों को दूर करने में मदद करती है। अगर हम अरंडी के बीज के फायदे के बारे में बात करें तो इसमें बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमे शामिल हैं-
अरंडी के बीज गठिया के इलाज में मदद करते हैं। इसका उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों के रोगों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही गठिया के दौरान होने वाले दर्द, जलन और सूजन को कम करने में कारगर साबित होता हैं।
कब्ज की समस्या में अरंडी के बीज बेहतरीन उपाय माना जाता है। इसका तेल मल त्याग करने को आसान बनाती है।
बाल झड़ने की समस्या से जुझ रहे है तो अरंडी के बीज से निकला तेल फायदेमंद होता है। इसका तेल जड़ों से पोषण देता है जो बालों को मजबूत और घना बनाता है।
इसके बीज बढ़े हुए वात और कफ को कम करने में मदद करता है।
अरंडी के पत्तों में ऐसे गुण मौजूद होते है जो त्वचा पर हुए घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं।
अरंडी के पत्तों को पीलिया से ग्रस्त लोगों के लिए भी काफी लाभदायक माना गया है। अगर इसके ताजे पत्तों को पीसकर खाली पेट मरीज को दिया जाए तो काफी हद तक पीलिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
अरंडी के बीज के उपयोग- Arandi ke Beej ke Upyog
अरंडी के बीज के उपयोग की बात करें तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार:
अरंडी के बीज 2-6 दानें
10-20 मिली तेल
20-40 मिली पत्ते का काढ़ा ,
2-4 ग्राम चूर्ण
हालांकि, आपको अरंडी का इस्तेमाल करने के लिए एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अरंडी के बीज के नुकसान- Castor seeds ke Nuksan
अरंडी के बीज के फायदे के साथ कई नुकसान भी शामिल है। अरंडी के बीज का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि, सामान्य से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से हैं-
इसके सेवन से पेट में दर्द होता है।
सीने में जलन की समस्या
उल्टी या जी मिचलाना
दस्त की समस्या होना
गर्भावस्था के दौरान अरंडी के तेल का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है।
जिनको किसी प्रकार की एलर्जी की समस्या है या जो व्यक्ति दवा का सेवन कर रहे हैं, वो अरंडी के तेल का उपयोग न करें।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर/डायरेक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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