Premature Ovarian Failure in Hindi

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के लक्षण, कारण और उपचार- Premature Ovarian Failure ke Lakshan, Karan Aur Upchar 

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर


आज इस लेख के माध्यम से हम आपको प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के बारे में विस्तार से बताएंगे। 45 से 55 की उम्र में महिलाओंं को पीरियड्स आना बंद हो जाते है, जिसे मोनोपॉज की स्थिति कहा जाता है। हालांकि कुछ महिलाओं में 19 से 40 साल की उम्र में ही पीरियड्स बंद हो जाते है, जिसे c कहा जाता है। समय से पहले ओवेरियन फेलियर एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें ओवरी एस्ट्रोजन के निम्न स्तर के कारण काम करना बंद कर देता है। और एक महिला के 40 साल की उम्र से पहले अंडे बनना बंद हो जाते है। लेकिन ऐसा क्यों होता है की समय से पहले ही एक महिला के अंडे बनना बंद हो जाते है? और अंडे कम बनने का कारण क्या है?


Read More - Best Ayurvedic Clinic in Delhi India – Dr. Chanchal Sharma



प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर- Premature Ovarian Failure

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर को असान भाषा में समझे तो इसे अर्ली मेनोपॉज भी कहा जाता है। आमतौर पर महिलाओं की मेनोपॉज की उम्र 45 साल से लेकर 56 साल के बीच होती है। भारत में महिलाओं की मेनोपॉज की उम्र औसतन 46 साल है। हालांकि कुछ दुर्लभ मामलों में महिलाओं में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर 19 से 40 साल की उम्र में भी हो सकता है। इसमें कुछ लक्षण मेनोपॉज जैसे ही होते हैं। इसका सबसे आम संकेत है अनियमित पीरियड्स, जिसमें पीरियड्स अचानक आने बंद हो जाते हैं। कुछ मामलों में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर को विकसित होने में कई साल लगते हैं, तो वहीं कुछ महिलाओं में यह कुछ महीनों में ही विकसित हो जाता है।


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के लक्षण- Premature Ovarian Failure ke Lakshan

समय से पहले ओवेरियन फेलियर को समय से पहले होने वाले मेनोपॉज के रुप में माना जाता है। लेकिन दोनों ही परिस्थितियों में बहुत अंतर है। ये प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के लक्षण में आमतौर पर एस्ट्रोजन की कमी को दर्शाते हैं, जो इस प्रकार से हैं- 

  • अनियमित या मिस्ड पीरियड्स कई सालों तक हो सकता है।

  • गर्भवती होने में कठिनाई होना

  • हॉट फ्लैश की समस्या होना

  • सेक्स ड्राइव का कम होना

  • योनि का सूखापन

  • रात को पसीने आना

  • नींद न आना

  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

  • चिड़चिड़ापन

  • एमेनोरिया की समस्या होना

  • टीनेजर में प्यूबर्टी के कुछ या कोई लक्षण नहीं मिलना

  • मूड स्विंग होना


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के कारण- Premature Ovarian Failure Ke Karan

यह कई स्वास्थ्य स्थितियों की समस्याओं के परिणामस्वरूप हो सकता है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं:

  • ऑटोइम्यून विकार भी प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के कारण भी हो सकता है। जैसे की मधुमेह और थायराइड की समस्या होना।

  • संक्रमण जो अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

  • रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी से टॉक्सिक पदार्थ निकलता है। जो समय से पहले ओवेरियन फेलियर का कारण बनता है।

  • अंडाशय की सर्जरी के कारण समय से पहले ओवेरियन फेलियर हो सकता है। 

  • बार-बार यूटीआई की समस्या होना ओवेरियन फेलियर का खतरा बन सकता है। 

  • नींद में कठिनाई होना भी ओवेरियन फेलियर का कारण होता है। 

  • कुछ मामलों में क्रोमोसोमल परिवर्तन और जेनेटिक विकारों के कारण भी समय से पहले प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर की समस्या हो सकती है। जैसे टर्नर सिंड्रोम और फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम आदि। 


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के जोखिम- Premature Ovarian Failure Ke Jokhim

कुछ ऐसे कारक जो प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकते है। जोखिमों में पारिवारिक इतिहास सबसे बड़े कारणों में से एक है जो इस स्थिति का कारण बन सकता है। ऑटोइम्यून रोग या कुछ वायरल संक्रमण होना एक अन्य जोखिम कारक हो सकता है। समय से पहले ओवेरियन विफलता भी हो सकती है अगर आप कैंसर का इलाज करवा रहे हैं जिसमें कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी शामिल है।


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर का निदान- Premature Ovarian Ka Nidan

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर का निदान किया जा सकता है। प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर की जांच ब्लड टेस्ट, क्लीनिकल फैक्टर्स, ट्रांसवेजाइनल सोनोग्राफी के द्वारा इसकी जांच कभी भी की जा सकती है। पीओएफ डायग्नोस होने के बाद इन्फर्टिलिटी का भी इलाज संभव हो पाता है।


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर का आयुर्वेदिक इलाज- Premature Ovarian Ka Ayurvedic Ilaj

महिला में निसंतानता के पीछे प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर की समस्या को समय पर आयुर्वेदिक इलाज करने और सकारात्मकता से दूर किया जा सकता है। कई जटिल बीमारियों के साथ ही गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक पूरा इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जरिए पूरी कुशलता के साथ किया जा सकता है। आयुर्वेद की प्राचीन पंचकर्म चिकित्‍सा पद्धति जिसमें वमन कर्म, विरेचन कर्म, बस्ती कर्म, नस्यम कर्म तथा रक्त मोक्षण के द्वारा बहुत ही कम समय में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर विकार से निजात पा सकते है।

आयुर्वेद में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर का मुख्या कारण वात के खराब होने से होता है जो महिलाओं में बांझपन के 40% मामलों में योगदान देता है। आयुर्वेद में मासिक धर्म चक्र में दोषों के अनुसार 3 चरण होते हैं यानी वात चरण, पित्त चरण और कफ चरण। वात चरण मासिक धर्म के पहले दिन से लेकर पांचवें दिन तक रहता है। कफ चरण मासिक धर्म चक्र के अंतिम दिन से ओव्यूलेशन (चौथे से 14वें दिन) तक शुरू होता है। पित्त चरण ओव्यूलेशन के दिन से अगले माहवारी तक शुरू होता है।

उत्तर बस्ती उपचार में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जिनके सही उपयोग से आप प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर की समस्या को दूर कर सकते है। इनमें प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर की जड़ी-बूटियों में अशोक, दशमूल, शतावरी, गुडुची, जीवन्ति शामिल हैं। 


प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के लिए डाइट- Premature Ovarian Ke Liye Diet

प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर की समस्या को कम करने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान दें। आयुर्वेद अहार-विहार पर सबसे ज्यादा जोर देता है क्योंकि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारे भोजन और जीवनशैली पर निर्भर करता है। इन निम्नलिखित में प्रीमैच्योर ओवेरियन फेलियर के लिए डाइट शामिल है-


1. अपने आहार में विटामिन डी व कैल्शियम से भरपूर फूड्स जैसे दूध आदि शामिल करें। आप इसके लिए डॉक्टरी सलाह से टैबलेट्स भी ले सकती हैं।

2. मेनोपॉज के कारण वजन तेजी से बढ़ता है इसलिए व्यायाम करते रहें ताकि मोटापा कंट्रोल रहे।

3. कैफीन, शराब और मसालेदार भोजन जैसी गर्म तासीर वाली चीजें ना खाएं। दरअसल, मेनोपॉज के कारण गर्मी अधिक लगती है। ऐसे में इन चीजों का सेवन ‘हॉट फ्लैश’ को बढ़ा देगा।

4. मेनोपॉज के कारण त्वचा, बाल और नाखूनों रूखे हो सकते हैं। इससे बचने के दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी पीएं। साथ ही दिन में 2-3 बार गर्म पानी भी पी लें।

5. लिक्विड डाइट अधिक लें, जैसे नारियल पानी, जूस, दूध, सूप आदि।


खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। सुर्य नमस्कार, भुजंगासन, अनुलोम-विलोम, तितली आसन, कपालभाती, नौकासन, भ्रमारी प्राणायाम और 30 मिनट तक पैदल चले।


इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएसट्यूब ब्लॉकेज(हाइड्रोसालपिनक्स) ट्यूब में पानी आदि पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमारे Infertility Clinic आने के लिए +91 9811773770 संपर्क करें।

टिप्पणियाँ