अनियमित माहवारी (Irregular Periods) के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज
अगर मासिक धर्म किसी भी तरह की अनियमिता दिखने लगे तो समझ जाएं की शरीर में कुछ बदलाव हो रहे जिसे ठीक करना जरुरी है। अनियमित मासिक धर्म महिलाओं में होने वाली आम समस्या है। कई बार यह समस्या बेहद सामान्य होती है और थोड़ी सावधानी बरतने से ठीक हो जाती है। लेकिन कई मामलों में मासिक धर्म पर ध्यान न देने पर बेहद गंभीर बीमारी बन जाती है। ऐसे में इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस परेशानी से जुझ रही महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। इस समस्या को पहचान कर और समय से इलाज कराकर परेशानी से निजात पाई जा सकती है। इस लेख के माध्यम से आज हम आपको अनियमित माहवारी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
अनियमित माहवारी क्या है- Aniyamit mahwari ke Kya Hai
अनियमित माहवारी (irregular periods in hindi), जिसे ओलिगोमेनोरिया भी कहा जाता है, एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर असामान्य मासिक चक्र को दर्शाने के लिए किया जाता है। एक सामान्य मासिक चक्र तब होती है जब पीरियड्स के बीच का समय 21 दिनों से 35 दिनों के बीच होती है। अगर मासिक चक्र इससे कम समय में या इससे ज़्यादा समय तक चलती है, तो इसे अनियमित कहा जाता है। इसके अलावा, अनियमित माहवारी के अंतर्गत और भी कई चीज़ें आती हैं, जैसे:
मौजूदा मासिक चक्र में लगातार या ध्यान देने योग्य बदलाव
8 दिनों से ज़्यादा समय तक मासिक धर्म होना
असामान्य स्पॉटिंग होना
बहुत ज़्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग
दर्दभरे ऐंठन या मरोड़ होना
मूड में बहुत ज़्यादा बदलाव
अनियमित माहवारी के कारण- Aniyamit mahwari ke Karan
अनियमित माहवारी के कई कारण हो सकते हैं, जो कई बार बहुत गंभीर भी नहीं होते। लेकिन देखा गया है कि यह अनियमित माहवारी के नुकसान और परेशानी अक्सर किशोरावस्था में लड़कियों को ज्यादा होती है, जिनमें मासिक धर्म की बस शुरुआत ही हुई हो। अनियमित माहवारी के कई सामान्य कारण हो सकते हैं जैसे-
अचानक वजन का बढ़ना या घट जाना
तनाव का बढ़ना
आहार में पोषण की कमी होना
थायरॉइड की समस्या
मेनोपाॅज की शुरुवात
ज्यादा एक्सरसाइज़ करना
गर्भनिरोधक गोली लेना
एंडोमेट्रियोसिस
अनियमित माहवारी के लक्षण- Aniyamit mahwari ke Lakshan
अनियमित माहवारी निम्नलिखित लक्षणों को जन्म दे सकती है।
यूटेरस में दर्द होना
भूख भी कम लगना
स्तन, पेट, हाथ-पैर और कमर में दर्द
अधिक थकान रहना
कब्ज की समस्या
दस्त लगना
यूटेरस में ब्लड क्लॉट्स का आना
अनियमित माहवारी का आयुर्वेदिक इलाज- Aniyamit Mahwari ka Ayurvedic Ilaj
आयुर्वेद की मानें तो महिलाएं अपने खान-पान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके अनियमित माहवारी की समस्या से निजात पा सकती हैं:
अनियमित माहवारी के इलाज के लिए एक कप पानी में 1 चम्मच धनिया के बीज और दाल चीनी पाउडर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसमें स्वाद अनुसार चीनी मिला लें। इस पानी को दिन में 2 बार पियें।
पीरियड्स की अनियमितता को ठीक करने में रामबाण साबित हो सकती है। यह पीरियड्स को रेगुलर यानि नियमित तो करती ही है, साथ ही माहवारी के दौरान होने वाले तेज दर्द से भी राहत देती है। इसमें मौजूद हाइड्रो ऑक्सी क्लोन पीरियडस के दौरान इंसुलिन के स्तर को बनाए रखता है।
अदरक और सोंठ दोनों पीरियड्स को नियमित करने में सहायक माने जाते हैं। अदरक को कच्चा भी खाया जा सकता है। साथ ही चाय में मिलाकर भी लें सकते है।
चुकंदर खाने से वैसे भी शरीर में ब्लड सेल्स यानि रक्त कोशिकाएं बनती हैं। लेकिन इसके अलावा चुकंदर में आयरन और फाॅलिक एसिड भी पाया जाता है। इसे आप सलाद या जूस के रुप में लें सकते हैं।
कच्चा पपीता तनाव और मेनोपाॅज के कारण होने वाली माहवारी की समस्याओं में लाभदायक है।
मसालेदार, खट्टा और भारी भोजन के सेवन से बचें। हल्का खाना खाएं। चाय, कॉफी और ठंडे पेय पदार्थों से दूर रहें।
अदरक को शहद के साथ खाएं या आधा कप में पानी थोड़ अदरक मिलाकर 5-7 मिनट के लिए उबाल लें। इसके बाद थोड़ा शहद मिलाएं ओर खाना खाने के बाद इस मिश्रण का दिन में तीन बार सेवन करें।
अनियमित माहवारी से राहत पाने के लिए तिल और गुड़ से बनी हर्बेल पेय पीना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए एक बर्तन में एक गिलास पानी डालकर। उसमें सफेद या काले तिल, हल्दी और सोंठ का पाउडर डालें। अब इस मिश्रण को तबतक उबालें जबतक की यह पक के आधा न हो जाएं।
धनिया और सौफ को भीगी हुई किशमिश के साथ ही पीने से मासिक धर्म ठीक से और जल्दी आता है।
अनियमित माहवारी का घरेलू इलाज के लिए नियममित रुप से योग, व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों को अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकते है।
साथ ही अत्यधिक वजन घटाने या कम वजन के कारण अनियमित माहवारी हो सकती है । इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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