पथरचट्टा (ब्रायोफिलम पिनाटम) के फायदे, उपयोग और नुकसान
आयुर्वेद में ऐसे तमाम पेड़-पोधें हैं जिनकी खुबियों के बारे में बहुत से लोग अनजान है। ऐसे ही औषधीय गुणों से भरपूर पत्थरचट्टा (Patharchatta) का पौधा है जो शरीर को अनेक रोगों से मुक्त करने में मददगार है। बरसों से पत्थरचट्टा के नियमित उपयोग से किडनी और मूत्र विकारों से जुड़ी बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाता है।
लेकिन क्या आपको पता हैं कि पेट के विषकात पदार्थों को बहार निकालने और पथरी के इलाज के अलावा शरीर की को कई तरीके से लाभ पहुंचाता है। आज इस लेख के माध्यम से बताएंगे की पत्थरचट्टा क्या है?, और इसके फायदे, उपयोग और नुकसान क्या है?
पथरचट्टा क्या है?- Patharchatta (Bryophyllum Pinnatum) Kya Hai
आयुर्वेद के अनुसार, पत्थरचट्टा में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते है और इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों की दवा बनाने में किया जाता है। पत्थरचट्टा एयर प्लांट, कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट और मेजिक लीफ के नाम से भी जान जाता है। इसका अंग्रेजी नाम ब्रायोफिलम पिनाटम है।
आयुर्वेद में इस पौधें को भष्मपथरी, पाषाणभेद, पणपुट्टी के नाम से जाना जाता है। इस पौधें की पत्तियों का स्वाद खट्टा और नमकीन होती है। यह एक सदाबहार पौधा है जिसका अर्थ है की यह हर मौसम में हरा-भरा होता है।
पत्थरचट्टा के फायदे - Patharchatta (Bryophyllum Pinnatum) Ke Fayde
इस जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से काफी स्वास्थ समस्या और लक्षणों को दूर किया जाता है। अगर हम पत्थरचट्टा के फायदे के बारे में बात करें तो पत्थरचट्टा में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमे शामिल हैं-
अगर आपको पथरी की समस्या है तो पत्थरचट्टा आपकी सेहत के लिए रामबाण औषधी है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा का काढ़ा बनाकर उसमें शहद और शीलाजीत मिलाकर मिश्रण का थोड़ी-थोड़ी देर देर में सेवन करना चाहिए।
मूत्र विकारों को दूर करने के लिए आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किया जाता है।
स्किन पर हुए किसी तरह की सूजन, घाव, चोट का इलाज भी आप पत्थरचट्टा के जरिए कर सकते है।
जो लोग सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या से जुझ रहे है तो पत्थरचट्टा के माध्यम से दूर कर सकते है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के कुछ पत्तों को पीसना होगा और उसका लेप बनाकर अपने माथे पर लगा सकते है। ऐसा करने से आपका सिर दर्द को दूर होता है।
महिलाओं में होने वाली डिस्चार्ज की समस्या में पत्थरचट्टा बड़ा असरदायक है। वेजाइनल डिस्चार्ज को कम करने में मदद करता है। इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ सेवन करना चाहिए। दिन में एक या दो बार सेवन करने से इस समस्या से निजात पा सकते है।
खूनी दस्त को रोकने के लिए भी पत्थरचट्टा काफी अससरदायक है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस निकालकर जीरा और घी को मिला दें। उसका सेवन करना से खूनी दस्त में राहत मिलेगी।
पत्थरचट्टा के उपयोग- Patharchatta (Bryophyllum Pinnatum) ke Upyog
पत्थरचट्टा के सेवन करने के निम्नलिखित तरीके में शामिल हैं-
इसके पत्तें के रस को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर सेवन कर सकते है।
इसके पत्तों को सालद के रुप में भी लें सकते है।
सब्जियों के साथ उबालकर सेवन कर सकते है।
पीसकर त्वचा पर लेप की तरह लगा सकते है।
इसके पत्तों का काढ़ा के रुप में भी सेवन कर सकते है।
पत्थरचट्टा के नुकसान- Patharchatta (Bryophyllum Pinnatum) Ke Nuksan
पत्थरचट्टा के सेवन के फायदे के साथ नुकसान भी शामिल है। पत्थरचट्टा का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि, सामान्य से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से मौजूद हैं-
पेट में दर्द होना
सीने में जलन होना
जी मचलाना
उलटी का आना
खट्टी डकारे आना
दस्त की समस्या
अगर आप किसी भी चिकित्सक दवाइयों का सेवन कर है तो पत्थरचट्टा के सेवन से उन दवाइयों का असर कम हो सकता है या फिर बढ़ भी सकता है। और एक बात पर ध्यान दें कि इस औषधी के सेवन करते समया चूना, बिना साफ किए फल और ज्यादा चावल का सेवन आदि से बचना चाहिए।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर/डायरेक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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