नागकेसर (मेसुआ फेरिया): सावधानियां, नुकसान और फायदे
आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। वैसे ही आयुर्वेद में ऐसे तमाम पेड़-पोधें हैं जिनकी खुबियों के बारे में बहुत से हम अनजान है। ऐसे ही औषधीय गुणों से भरपूर नागकेसर (Mesua Ferrea) का पौधा है जो शरीर को अनेक रोगों से मुक्त करने में मददगार है। बरसों से नागकेसर के नियमित उपयोग से उल्टी, यूरिनरी ट्रैक्ट डिसऑर्डर और मूत्र विकारों से जुड़ी बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाता है।
लेकिन क्या आपको पता हैं कि पेट के विषकात पदार्थों को बहार निकालने और पथरी के इलाज के अलावा शरीर की को कई तरीके से लाभ पहुंचाता है। आज इस लेख के माध्यम से बताएंगे की नागकेसर क्या है?, और इसके फायदे, उपयोग और नुकसान क्या है?
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नागकेसर (मेसुआ फेरिया) क्या है?- Nagkesar (Mesua Ferrea) Kya Hai
नागकेसर को एक खास प्रकार की जड़ी-बूटी के रूप में माना जाता है। इसके फूल का रंग सफेद व पीला होता है। इस पौधे के फूल, फल और बीज आदि सभी हिस्सों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। नागकेसर का प्रयोग च्यवनप्राश बनाने के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मेसुआ फेरिया है। इसको नागपुष्पा, आयरन वुड, इंडियन रोज़ चेस्टनेट के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से भारत और ट्रॉपिकल ऐरिया पाया जाता है। नागकेशर कसैला, तीखा, गर्म, लघु, रूक्ष, कफ-पित्तशामक तथा सन्धानकारक होता है।
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नागकेसर (मेसुआ फेरिया) में क्या सावधानियां बरतें- Nagkesar (Mesua Ferrea) Mein Kya Sawdhaniya Barte
नागकेसर (मेसुआ फेरिया) को इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन निम्नलिखित में आपको नागकेसर (मेसुआ फेरिया) का सेवन करते समय इन बातों का धयान रखना चाहिए:
निर्धारित खुराक से ज्यादा का उपयोग न करें। अधिक दवा लेने से आपके लक्षणों में सुधार नहीं होगा। बल्कि स्थिति और भी गंभीर हो सकती हैं।
आप एक खुराक भूल जाते हैं, तो जैसे ही आप इसे नोटिस करते हैं, इसका सेवन कर सकते है। अगर आप खुराकें लेना छोड़ दी है तो आपको इसका सेवन दुबारा से लेना शुरू करना होगा वरना दवा असर नहीं करेगी।
बच्चों की पहुंच से इस जड़ी-बूटी को दूर रखें। बच्चों के लिए इसका सेवन करना हानिकारक होता है।
अगर आपका किसी तरह की सर्जरी हुई है तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें।
अगर आप किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें। नागकेसर आपकी दवा के साथ रिएकेट कर सकता है।
गर्भवती महिलाएं या अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को नागकेसर (मेसुआ फेरिया) के उपयोग से बचना चाहिए। क्योंकि इससे गंभीर प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
नागकेसर (मेसुआ फेरिया) के नुकसान- Nagkesar (Mesua Ferrea) Ke Nuksan
नागकेसर के सेवन के फायदे के साथ नुकसान भी शामिल है। नागकेसर का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि, सामान्य से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से मौजूद हैं-
उल्टी या जी मचलाना की समस्या होना
पेट में दर्द होना
सीने में जलन होना
उच्च रक्त की समस्या होना
अगर आपको नागकेसर के सेवन से एलर्जी है तो इसकी जानकारी आपके चिकित्सक को जरूर बतानी चाहिए।
नागकेसर (मेसुआ फेरिया) के फायदे - Nagkesar (Mesua Ferrea) Ke Fayde
इस जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से काफी स्वास्थ समस्या और लक्षणों को दूर किया जाता है। अगर हम नागकेसर के फायदे के बारे में बात करें तो नागकेसर में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमे शामिल हैं-
पेट के रोगों को दूर करने में नागकेसर सबसे कारगर साबित होता है। चाहे अपच, एसिडिटी, गैस और अफरा की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
हिचकी एक ऐसी समस्या है जो शुरू हो जाए तो बंद होने का नाम नहीं लेती है। इसको रोकने के घरेलू उपाय में नागकेसर बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।
सांस से संबंधित समस्यों में नागकेसर का उपयोग बहुत ही प्रभावी होता है। अगर आपको दमा, अस्थामा, जैसी सांस संबंधि रोग से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। सांस के रोगों से निपटारा पाने के लिए नागकेसर के फूल और छाल का काढ़ा बनाकर पी सकते है।
लिवर से जुड़ी समस्यों में नागकेसर बेहतरीन औषधि है जो लिवर को भी ठीक रखता है। क्योंकि फर्टिलिटी के लिए लिवर का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है जो हार्मोंस को ठीक रखने में मदद करता हैं।
नागकेसर फर्टिलिटी होने वाली समस्या को ठीक करता है। इसका पाउडर एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है जो एग की क्वलिटी को बढ़ाने में शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
नागकेसर का सेवन करने से खांसी जैसे लक्षणों को काफी हद तक करने में मदद मिलती है। इसमें ऐसे तत्व पाए जाते है जो बलगम को पतला कर बार बार खांसी को उठना बंद हो जाती है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर/डायरेक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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