अंकोल (एलंगियम) के सावधानियां, नुकसान और फायदे
लगभग 5000 साल से ही आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ने मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास किया है। आयुर्वेद में योग को बहुत महत्व दिया गया है। यहां योग से मतलब अपने अलग-अलग रूप में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती ही हैं। ऐसी ही औषधिय गुणों से भरपूर अंकोल का पौधा है जिसमें चमत्कारी स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते है। आयुर्वेद में, पंचकर्म में वमन और विरेचन को प्रेरित करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की अंकोल क्या है? और इसके फायदे, नुकसान और सावधनियां क्या है?
अंकोल (एलंगियम) के औषधिय गुण- Ankol (Alangium) Ke Aushadhiya Guan
अंकोल को एक खास जड़ी-बूटी के रूप में माना जाता है, चाहे पत्ते हो या जड़, चाहे फल हो या छाल हर चीज का इस्तेमाल किसी न किसी रोग में किया जाता है। यह भारत के विभिन्न भागों में बड़ी असानी से पाया जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में इसे अनकोलम कहा जाता है। अंकोल का वैज्ञानिक नाम एलंगियम है। आयुर्वेद में अंकोल का स्वाद तीक्ष्ण और कसैला है जो चर्म रोग, कफ, रक्त विकार और सर्पदंश का नाश करने वाला होता है।
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अंकोल (एलंगियम) में क्या सावधानियां बरतें- Ankol (Alangium) Mein Kya Sawdhaniya Bartein
अंकोल (एलंगियम) को इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन निम्नलिखित में आपको अंकोल का सेवन करते समय इन बातों का धयान रखना चाहिए:
निर्धारित खुराक से ज्यादा का उपयोग न करें। अधिक दवा लेने से आपके लक्षणों में सुधार नहीं होगा। बल्कि स्थिति और भी गंभीर हो सकती हैं।
अपनी दवाएं अन्य लोगों को न दें, भले ही आप जानते हों कि उनकी एक जैसी स्थिति है। इससे ओवरडोज हो सकता है।
आप एक खुराक भूल जाते हैं, तो जैसे ही आप इसे नोटिस करते हैं, इसका सेवन कर सकते है। अगर आप खुराकें लेना छोड़ दी है तो आपको इसका सेवन दुबारा से लेना शुरू करना होगा वरना दवा असर नहीं करेगी।
गर्भवती महिलाएं या अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को अंकोल के उपयोग से बचना चाहिए। क्योंकि इससे गंभीर प्रभाव भी पड़ सकते हैं।
अंकोल (एलंगियम) के नुकसान- Ankol (Alangium) Ke Nuksan
अंकोल के सेवन के फायदे के साथ नुकसान भी शामिल है। अंकोल का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि, सामान्य से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से मौजूद हैं-
पेट में दर्द होना
इसके ज्यादा सेवन से नींद न आने की समस्या हो सकती है।
जी मचलाना की समस्या होना
कब्ज की परेशानी होना
भूख में कमी आना
पेट में तकलीफ और जलन होना
अंकोल (एलंगियम) के फायदे- Ankol (Alangium) Ke Fayde
इस जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से काफी स्वास्थ समस्या और लक्षणों को दूर किया जाता है। अगर हम अंकोल के फायदे के बारे में बात करें तो अंकोल में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमे शामिल हैं-
अंकोल के पत्तों में खास प्रकार के औषधिय गुण पाए जाते है जो सांस फूलने, नाक बंद होना और अस्थमा जैसी समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।
अंकोल के पत्ते, फल और टहनियों से प्राप्त होने वाले रस में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। इसके सेवन से जोड़ों में दर्द, सूजन और ललिमा को कम करने में मदद मिलती है।
अंकोल में पोटेशियम समेत कई पोषक तत्व पाए जाते है जो दस्त को रोकने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर को कमजोर होने नहीं देता है।
यह ऐसी जड़ी-बूटी है जो न सिर्फ ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है बल्कि बढ़े हुए रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है।
यह बावासीर में होने वाले दर्द की स्थिति में भी सबसे कारगर औषधि है। इसमें मौजूद विटामिन-सी पाइल्स के लिए अच्छे मानी जाती है।
डैंगू जैसी खतरनाक बीमारी में भी अंकोल के पत्तों और फलों का इस्तेमाल कर मरीज का इलाज किया जा सकता है। इसके पत्तों को गर्मकर लगाने से तेज बुखार में मदद मिलती है। साथ ही इसके जड़ों का चूर्ण और सूखी अदरक को साथ में लेने से डैंगू को ठीक किया जाता है।
मिर्गी का दौरा एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल डिसऑडर है जिसमें रोगी का दिमाग कुछ समय के लिए ठीक तरीके से काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में अंकोल आपके लिए घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खा की तरह काम करता है। इसके पत्तों में ट्राइटरपीन, स्टेरायड और टैनिन की मात्रा उपलब्ध रहती है।
इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर/डायरेक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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