Jatamansi

जटामांसी (स्पाइकेनार्ड): सावधानियां, दुष्प्रभाव और फायदे- Jatamansi (Spikenard): Sawdhaniya, Dushprabhav aur Fayde 



आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। वैसे ही आयुर्वेद में ऐसे तमाम पेड़-पोधें हैं जिनकी खुबियों के बारे में बहुत से हम अनजान है। आयुर्वेद के अनुसार ऐसे तमाम औषधियों का जिक्र पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। ऐसे ही औषधियों गुण से भरपूर जटामांसी का पौधा है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से किया जा रहा है। 

इस जड़ी बूटी से त्वचा की देखभाल, जीवाणु संक्रमण के उपचार, रेचक, नींद उत्प्रेरण, और गर्भाशय का अच्छा होने से लेकर कई फायदे शामिल हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की जटामांसी क्या है?, और इसके सावधानियां, दुष्प्रभाव और फायदे क्या है? 


जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) के औषधीय गुण- Jatamansi (Spikenard) ke Aushadhiya Gun


जटामांसी अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणों वाला एक खास पौधा है, जो प्रमुख रूप से हिमालय के क्षेत्र में उगता है। यह पौधा बालझाड़ के नाम से भी जाना जाता है और हजारों सालों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल अनेक प्रकार से किया जाता है।  

इसका वैज्ञानिक नाम नारडोस्टेकीस जटामांसी है जो वैलेरिएनेसी परिवार से आता है। इसके फूल नीले या गुलाबी रंग के होते हैं। जटामांसी एंटीफंगल, एंटीमाइक्रोबायल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक और हेपाटोप्रोटेक्टिव जैसे कई गुण व अन्य प्रभाव मौजूद हैं, जिस कारण इसका उपयोग शारीरीक समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है। 

जटामांसी प्रकृति से कड़वा, मधुर होने के साथ वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को हरने वाली औषधी होती है।  


जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) में क्या सावधानियां बरतें- Jatamansi (Spikenard) Mein Kya Sawdhaniya Barte 


जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) को इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन निम्नलिखित में आपको जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) का सेवन करते समय इन बातों का धयान रखना चाहिए: 

  • निर्धारित खुराक से ज्यादा का उपयोग न करें। अधिक दवा लेने से आपके लक्षणों में सुधार नहीं होगा। बल्कि स्थिति और भी गंभीर हो सकती हैं। 

  • आप एक खुराक भूल जाते हैं, तो जैसे ही आप इसे नोटिस करते हैं, इसका सेवन कर सकते है। अगर आप खुराकें लेना छोड़ दी है तो आपको इसका सेवन दुबारा से लेना शुरू करना होगा वरना दवा असर नहीं करेगी। 

  • बच्चों की पहुंच से इस जड़ी-बूटी को दूर रखें। बच्चों के लिए इसका सेवन करना हानिकारक होता है। 

  • अगर आपका किसी तरह की सर्जरी हुई है तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें। 

  • अगर आप किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें। स्पाइकनार्ड आपकी दवा के साथ रिएकेट कर सकता है।   

  • गर्भवती महिलाएं या अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) के उपयोग से बचना चाहिए। क्योंकि इससे गंभीर प्रभाव भी पड़ सकते हैं।


जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) के नुकसान- Jatamansi (Spikenard) Ke Nuksan


जटामांसी के सेवन के फायदे के साथ नुकसान भी शामिल है। जटामांसी का सेवन करना आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि, सामान्य से अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से निम्नलिखित नुकसान इस प्रकार से मौजूद हैं-

  • उल्टी या जी मचलाना की समस्या होना

  • पेट में दर्द होना

  • सीने में जलन होना

  • दस्त लगना

  • उच्च रक्त की समस्या होना

अगर आपको जटामांसी के सेवन से एलर्जी है तो इसकी जानकारी आपके चिकित्सक को जरूर बतानी चाहिए। 


जटामांसी (स्पाइकेनार्ड) के फायदे - Jatamansi (Spikenard) Ke Fayde


इस जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से काफी स्वास्थ समस्या और लक्षणों को दूर किया जाता है। अगर हम जटामांसी के फायदे के बारे में बात करें तो जटामांसी में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनमे शामिल हैं-

  • जटामांसी में कई एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं, जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता हैं। नियमित रूप से व्यायाम के साथ इसका सेवन करने से आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहेगा। 

  • जटामांसी की जड़ में ऐसे गुण पाए जाते है जो पाचन क्रिया को बढ़ाने में मदद करता है। इसके सेवन से खट्टी डकार, पेट फूलना और कब्ज की समस्या से राहत मिलेगी। 

  • जटामांसी की जड़ में खास प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जो  बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं और बाल का झड़ना काफी हद तक कम करता है।

  • जटामांसी में ऐसे खास तत्व होते हैं, जो चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्या को दूर करने में और मूड को ठीक करने में मदद करता है। 

  • अगर आपको नींद न आने की समस्या है तो अच्छी नींद के लिए भी जटामांसी का सेवन कर सकते है। 

  • जटामांसी आपके गर्भाशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत मदद करती है। इसमें एंटी-स्पस्मोडिक गुण पाए जाते हैं जो मासिक धर्म प्रवाह के दौरान ऐंठन, दर्द और परेशानी को कम करने में मदद करता है। साथ ही मेनोपॉज की स्थिति में जटामांसी बहुत ही उपयोगी है, यह आपके नींद की गड़बड़ी, चक्कर आना, थकान, बैचेनी और सिरदर्द जैसी समस्याओं में काफी मदद करता हैं।   


इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।


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