Hormonal Imbalance in hindi

हार्मोनल असंतुलन के कारण, लक्षण और आयुर्वेेदिक उपचार-  Hormonal Imbalance ke Karan, Lakshan aur Ayurvedic


क्या आपका शरीर फूला हुआ या चिड़चिड़ा महसूस कर रहा है? क्या आप कई दिन से बहुत अच्छा महसूस

नहींकर पा रहे हो? अगर ऐसा है तो इसके लिए आपके हार्मोन को दोष दिया जाता है। शरीर के सभी कार्यों

के लिए हर्मोन्स की महत्वपूर् भूमिका होती है। जीवन और लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए हर्मोन बहुत

मदद करता है। लेकिन भागदौड़ और व्यस्त जीवन मानसिक या भावनात्‍मक इश्यू के कारण हार्मोन के स्राव

में असंतुलन पैदा हो जाता है।



हार्मोन्स के संतुलन में थोड़ी सी भी गड़बड़ी के असर सीधा हमारे भूख, नींद और तनाव के स्तर पर 
दिखने लगता है। असंतुलित के हार्मोन का स्तर शरीर में बहुत कम या ज्यादा हो सकता है। इसे समय 
रहते ठीक करना बहुत जरुरी है वरना कई बीमरियां जन्म लें सकती है। आज इस लेख में हम जानेगे 
की हार्मोनल असंतुलन के बारे में विस्तार से बात करेंगे। 

 

हार्मोनल असंतुलन क्या है?- Hormonal Imbalance Kya Hai




हार्मोन एक केमिकल मैसेंजर होते है जो आपकी कोशिकाओं और और ग्रन्थियों में से निकलने वाले केमिकल्स होते हैं। यह केमिकल्स

आपके शरीर में कोशिकाओं और अंगों के कार्य करने के तरीके को प्रभावित करते हैं। इन हर्मोन्स का सीधा असर हमारे

मेटाबॉलिज्म, इम्यून सिस्टम, रिप्रोडक्टिव सिस्टम, यौन क्रिया, शरीर का विकास और मूड पर पड़ता है। जीवन के अलग

अलग चरणों पर जैसे प्रेगनेंसी, पीरियड या मेनोपॉज से पहले तक शरीर में हार्मोन का लेवल अलग होता है। कुछ दवाएं,

इलाज और तनाव से जुड़ी समस्या भी शरीर में हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते है।


हार्मोनल असंतुलन के कारण- Hormonal Imbalance ke Karan

हार्मोन में असंतुलन एक मल्टी फैक्टोरियल विकार होता है जैसे की आहार, पिछली मेडिकल स्थिति, जेनेटिक, तनाव का

स्तर और वातावरण के विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आने शामिल है। हार्मोन असंतुलन के कारणों में शामिल है-


  • डायबिटीज की समस्या होना

  • थायराइड कम या ज्यादा होना

  • कंट्रासेप्टिव पिल्स लेने के कारण

  • पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर के कारण 

  • एड्रेनल अपर्याप्तता (यह समस्या जन्म से भी हो सकती है)

  • अपर्याप्त नींद

  • अत्यधिक तनाव में रहना

  • समय से भोजन न करना

  • व्यायाम एवं खेल-कूल जैसी शारीरिक गतिविधियों से दूर रहना भी एक मुख्य कारण होता है।

  • पोषण की कमी होना

  • रजोनिवृत्ति 

  • गर्भावस्था के कारण 

  • स्तनपान में दिक्कत आना

  • पीसीओएस या पीसीओडी की समस्या होना

  • हार्मोन की दवाएँ लेना

  • प्राथमिक डिम्बग्रंथि अपर्याप्तता (Primary ovarian insufficiency) की समस्या होना

  • समय से पहले मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) होना


हार्मोनल असंतुलन के लक्षण- Hormonal Imbalance ke Lakshan


हार्मोन असंतुलन के लक्षण में शामिल है-


  • अचानक वजन बढ़ना या कमर पर चर्बी बढ़ना

  • हर समय थकान और नींद महसूस होना

  • नींद कम आना या बिल्कुल ही नींद नहीं आना

  • गैस, कब्ज और बदहजमी होना

  • तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन का बढ़ना 

  • बहुत पसीना आना, सेक्स की इच्छा में कमी आना 

  • बालों का झड़ना या समय से पहले सफेद होना

  • ज्यादा प्यास लगना

  • अचानक ज्यादा ठंड या गर्मी लगना

  • योनी में सूखापन की समस्या

  • ब्रेस्ट टेंडरनेस यानी छूने पर दर्द होना 

  • बदहजमी या अपच की समस्या होना

  • कब्ज और दस्त की समस्या होना

  • मासिक धर्म के दौरान या उससे पहले मुँहासे वजन बढ़ना 

  • स्किन टैग्स या त्वचा में असामान्य ग्रोथ

  • आवाज गहरी होना भगशेफ (Clitoris) का आकार बढ़ना 

  • गर्भाशय से खून बहना (जो मासिक धर्म से संबंधित नहीं है) 

  • अनियमित मासिक धर्म, 

  • मासिक धर्म में अधिक खून आना और पीरियड्स में गंभीर दर्द होना 

  • ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों में कमज़ोरी) 

  • हॉट फ्लैशेस और रात में पसीने आना 

  • चेहरे, गर्दन, छाती और पीठ में अधिक बाल उगने लगना

  • बांझपन



हार्मोनल असंतुलन का आयुर्वेेदिक उपचार- Hormonal Imbalance ka Ayurvedic Upchar


महिला में निसंतानता के पीछे हार्मोनल असंतुलन की समस्या जैसे पीसीओडी, पीसीओएस, ओवेरियन

डिसऑर्डर, मुहांसे, पीरियड्स का अनियमित आना, तनाव और खराब जीवनशैली आदि के कारण हो

सकते हैं। जिसका समय पर आयुर्वेदिक इलाज करने से दूर किया जा सकता है। कई जटिल बीमारियों

के साथ ही अनियमित पीरियड्स से लेकर बंद ट्यूब को खोलने का पूरा इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सा

पद्धति के जरिए पूरी कुशलता के साथ किया जा सकता है। आयुर्वेद की प्राचीन पंचकर्म चिकित्‍सा पद्धति

जिसमें वमन कर्म, विरेचन कर्म, बस्ती कर्म, नस्यम कर्म तथा रक्त मोक्षण के द्वारा बहुत ही कम समय

में हार्मोनल असंतुलित से निजात पा सकते है।


आयुर्वेद वात-कफ दोष, पचाना और अपान वतनुलोमाना को शांत करने पर केंद्रित हैं। उत्तर बस्ती उपचार

में गर्भाशय के जरिए फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की औषधीय तेल, घी, या काढ़ा डाला जाता है।

यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। उत्तर बस्ती प्रीमैच्योर

ओवेरियन फेलियर, पीसीओएस और पीसीओडी के इलाज में भी उपयोगी है। 


आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं जिनके सही उपयोग से आप हार्मोनल असंतुलन की समस्या को दूर कर

सकते है। इनमें हार्मोनल असंतुलन की जड़ी-बूटियां शामिल हैं-


अश्वगंधा: अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है और कई स्वास्थ्य स्थितियों में फायदेमंद है। ये महिला में प्रजनन
क्षमता को बढ़ावा देता है। इससे तनाव, पीसीओडी और पीसीओएस के लक्षण को सुधारा जाता है जो कोर्टिसोल
के स्तर को संतुलित करता है। साथ ही अश्वगंधा चूर्ण का प्रतिदिन 2-3 ग्राम सेवन करें। यह हार्मोनल असंतुलन से
होने वाले सभी लक्षणों को ठीक करता है। जैसे- नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, अवसाद, अधिक पसीना आना
हॉट फ्लैशेज़, और प्रजनन क्षमता में कमी आदि।

कलौंजी: यह हर्ब हर घर की रसोई में पाया जाता है। यह छोटे छोटे काले बीज होते जो ऑक्सीडेंट्स से भरपूर
होता है। पीसीओएस या कोई भी थेरेप्टिक उपचारों में कलौंजी का प्रयोग बहुत लाभदायक माना जाता है। यह
थायरॉयड
हार्मोन्स और इंसुलिन लेवल को नियमित करने में भी सहायक है। मेनोपॉज के स्थिति में इसका प्रयोग हार्मोन
रिप्लेसमेंट थेरेपी के स्थान पर भी किया जा सकता है।

हल्दी: हल्दी में करक्यूमिन मौजूद होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है। इंसुलिन प्रतिरोध को कम
करने में सबसे अच्छी औषधी है। इसके इस्तेमाल से पीसीओडी, पीसीओएस और अनओवुलेशन की समस्या में
सुधार लाने में मदद करता है।

शीलाजीत: इसके सेवन से शरीर में जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे। यह एंटीऑक्सिडेंट और अमीनो एसिड, और
आपके मूड को ऊपर ठीक करने में मदद कर सकते हैं। यह आपके सामान्य स्वास्थ्य को उत्तेजित कर सकते हैं
और चिंता को कम कर सकते हैं, साथ ही साथ शारीरिक ऊर्जा और यौन ड्राइव को बढ़ा सकते हैं। 

हार्मोनल असंतुलन का घरेलू उपाय- Hormonal Imbalance ka Gharelu Upay


आयुर्वेद के अनुसार, समय पर भोजन करना, समय पर नींद लेना, व्यायाम और विश्राम तकनीकों से हार्मोनल

संतुलन को बहाल करने में मदद मिल सकती है। इन निम्नलिखित में  

  • तनाव को कम करें

कोर्टिसोल वह हार्मोन है जो तनाव के परिणामस्वरूप उगता है। जब तीव्र तनाव के परिणामस्वरूप कोर्टिसोल

का स्तर असामान्य रूप से उच्च हो जाता है, तो अन्य सभी शारीरिक कार्य खतरे में पड़ जाते हैं। शरीर लड़ाई

या उड़ान मोड में चला जाता है, जिसका अर्थ है कि उसकी सारी ऊर्जा, कोर्टिसोल को समर्थन देने पर निर्देशित

होती है और अन्य सभी हार्मोन को रोक दिया जाता है। इस प्रकार, अच्छी स्वच्छता, प्रकृति में समय बिताना

और पर्याप्त नींद लेने जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करना आवश्यक है।


  • योग

योग की स्थिति कुछ ग्रंथियों पर दबाव डालती है। योग की स्थिति से एंडोक्राइन फंक्शन उत्तेजित और संतुलित होता है।

आसन, गति और सांस लेने के तरीकों के माध्यम से इसे सक्रिय करके थायरॉयड ग्रंथि द्वारा उत्पन्न हार्मोन को नियंत्रित

करने में मदद कर सकते हैं। 


  • ध्यान

ध्यान देने से शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन के स्तर को कम करके रक्तचाप और हृदय गति को अस्थायी रूप से

सामान्य करने में मदद कर सकते हैं। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो आपकी नींद के चक्र को नियंत्रित करता है। मेडिटेशन

मेलाटोनिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। ध्यान के दौरान डोपामाइन निकलता है जो शरीर के लिए अच्छा होता

हैं।


  • सीड साइकलिंग

सीड साइकलिंग आपके हार्मोन को बनाए रखने के लिए सबसे सरल, फिर भी सबसे प्रभावी तकनीक में से एक है। यह

सरल तकनीक हार्मोन संतुलन, पीएमएस के लक्षण को कम कर प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। और यह अमेनोरिया की

समस्या यानी मिस्ड मासिक धर्म को ट्रिगर करने में मदद करता है। सीड साइकलिंग आपके मासिक धर्म चक्र के दो मुख्य

चरणों में से प्रत्येक में विशेष बीजों का सेवन करने का अभ्यास है, जिससे पहले हफ्ते में एस्ट्रोजन और दूसरे हफ्ते में

प्रोजेस्टेरोन के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।


आखिर में आपको यही सलाह दी जाती है कि ऐसे भोजन का सेवन करें जो असानी से पच सकें। मैदा से बने खादुय पदार्थ

का सेवन बिल्कुल न करें, साथ ही दही, केले, बेसन, चने की दाल और गरम मसाले के सेवन से बचें। खानपान के अलावा

आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है। सुर्य नमस्कार, भुजंगासन,

अनुलोम-विलोम, तितली आसन, कपालभाती, नौकासन, भ्रमारी प्राणायाम और 30 मिनट तक पैदल चले।


इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।


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